About the Book
'अधिकतम से भी अधिक' को पढ़ने से आशा, प्रचुरता और संभावनाओं के कई नए आयाम खुलते हैं। पुस्तक के लेखक महात्रया स्वयं के जीवन भर के शोध के माध्यम से प्राप्त ज्ञान को अपने पाठकों से एक आकर्षक कहानी के प्रारूप में साझा करते हैं। वह हमें सहज व अमल में लाने योग्य जीवन तकनीकों के जरिए कामयाबी और प्रसन्नता की ओर जाने का रास्ता दिखाते हैं और हमारे जीवन में छोटी तथा बड़ी वस्तुओं के महत्त्व का अहसास कराते हैं। यह पुस्तक हर उस व्यक्ति को पढ़ना ज़रूरी है जो जीवन के तमाम आयामों - व्यक्तिगत, पेशेवर या मनोवैज्ञानिक, में विकास करने का इच्छुक है।
' अधिकतम से भी अधिक' अपनी स्पष्ट भाषा और व्यवहारिक उदाहरणों के कारण कॉरपोरेट जगत के लीडर्स से खूब सराहना प्राप्त कर रही है। यह पुस्तक एक आदर्श उपहार है जो किसी भी संगठन में किसी व्यक्ति या लीडर को ऊंचाइयों तक पहुंचा सकती है।
हर उस आत्मा को समर्पित जो स्वयं को ऊपर उठाने और बदले में दुनिया को विकसित करने में प्रयासरत है :
अगर आप उसी राह पर चलेंगे, जिस पर सारा संसार चलता है,
तो आप वहीं पहुंचेंगे जहां बाक़ी सभी लोग पहुंच रहे हैं।
यदि आप ऐसी जगह जाना चाहते हैं, जहां अभी तक कोई नहीं पहुंचा,
तो आपको वह सब करने के लिए तैयार रहना चाहिए,
जो अभी तक किसी ने नहीं किया।
किसी भी महत्त्वपूर्ण खोज के लिए प्रयास करना अनिवार्य है।
पुरानी राहें छोड़ने वाले ही नई राहें बना पाते हैं।
प्रचुरता आपका जन्मसिद्ध अधिकार है।
आप अधिकतम से भी अधिक पाने के अधिकारी हैं।
और इसके लिए एक मार्ग है।
- महात्रया
इस पुस्तक को पढ़ना आपके जीवन में 'अधिकतम से भी अधिक' को आकर्षित करेगा!