About the Book
महाभारत को एक महान महाकाव्य के रूप में चित्रित किया जाता रहा है। परंतु जहॉं एक ओर जय पांडवों की कथा है, जो कुरुक्षेत्र के विजेताओं के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत की गई है; वहीं अजेय उन 'अविजित' कौरवों की गाया है. जिनका लगभग समूल नाश कर दिया गया।
'भारत के सर्वाधिक शक्तिशाली साम्राज्य में एक क्रांति पनप रही है। भीष्म, हस्तिनापुर के पूजनीय कुलपिता, अपने साम्राज्य की एकता को बनाए रखने के लिए संघर्षरत हैं।
राजसिंहासन पर, नेत्रहीन सम्राट धृतराष्ट्र व उनकी विदेशी—मूल की पत्नी, गांधारी आसीन हैं। इस सिंहासन के निकट ही विधवा राजमाता कुंती खड़ी है जो अपने हृदय में
अपने पहले पुत्र को सिंहासन पर बैठा देखने की धधकती महत्त्वाकांक्षा रखती हैं, और चाहती हैं कि उसे इस दावे के लिए सार्वजनिक रूप से मान्यता दी जाए।
और इन सब के आसपास ही कहीं :
• परशुराम, शक्तिशाली दक्षिणी मंडल के रहस्यमयी गुरु, निरंतर इन्हीं प्रयासों में हैं कि किसी तरह पर्वतों से ले कर सागर तक अपना वर्चस्व कायम कर सकें।
• एकलव्य, एक युवा निषाद, जाति के बंधनों से बाहर आने के लिए छटपटा रहा है ताकि एक योद्धा बन सके।
• कर्ण, एक विनीत सारथी का पुत्र, सर्वाधिक विख्यात गुरु से शिक्षा प्राप्त करने के लिए दक्षिण की यात्रा करता है और इस धरा का सबसे महान धनुर्धर बनना
चाहता है।
• बलराम, यादवों के करिश्माई नेता, सागर के किनारे एक आदर्श नगरी के निर्माण की इच्छा रखते हैं और चाहते हैं कि उनकी प्रजा एक बार फिर समृद्ध हो कर
अपने खोए हुए गौरव को अर्जित करे।
• तक्षक, नागों के गुरिल्ला नेता, ने कमज़ोरों तथा शोषितों के साथ मिलकर एक क्रांति का सूत्रपात किया और भारत के घने वन प्रांतरों में छिपकर सुअवसर की
प्रतीक्षा में है, जहाँ जीवित रहना ही एकमात्र धर्म है।
• भिक्षुक जरा व उसका नेत्रहीन श्वान धर्म, भारत के धूल भरे मार्गों पर विचरते हुए उन सभी घटनाओं व व्यक्तियों के साक्षी बनते हैं, जो उनसे कहीं बड़े हैं, और कौरव
तथा पांडव अपनी अपनी नियतियों से साक्षात्कार कर रहे हैं।
इस संपूर्ण अव्यवस्था के बीच, हस्तिनापुर का युवराज सुबोधन तन कर खड़ा है और अपना जन्मसिद्ध अधिकार पाने के लिए कृतसंकल्प है। वह अपनी अंतरात्मा की
आवाज़ सुनकर ही निर्णय लेगा। वह अपनी नियति का निर्माता स्वयं है या यूं कहें कि वह ऐसा मानता है। वहीं हस्तिनापुर महल के प्रांगणों में, एक विदेशी राजकुमार भारत को
नष्ट करने के लिए षड्यंत्र रच रहा है। और पांसा फेंका जाता है...