Ashok Vani ( Hindi)

Ashok Vani ( Hindi)

Author : Prem Rungta

In stock
Rs. 350.00
Classification Fiction
Pub Date April 2019
Imprint Sarvatra (An Imprint of Manjul Publishing House)
Page Extent 378
Binding Paperback
Language Hindi
ISBN 9789388241588
In stock
Rs. 350.00
(inclusive all taxes)
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About the Book

यह उपन्यास चक्रवर्ती सम्राट 'अशोक मौर्य' के जीवन पर आधारित है। मौर्य काल प्रत्येक दृष्टिकोण से भारत के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण काल-खंड रहा है। इस दौरान भारतवर्ष ने उस महानता को प्राप्त न कर सका था। वैदिक-काल और बौद्ध-काल के समापन के पश्चात, मौर्य-काल ही वह काल था जिसमें उन सभी विचारों अथवा व्यवस्थाओं की नींव रखी गयी, जिन्होंने भारतवर्ष के भविष्य का निर्माण किया। इसका उल्लेख सम्राट अशोक के शिला लेखों में स्पष्टता से प्राप्त होता है। कदाचित यही कारण है कि आज भी हमारे देश का राष्ट-चिन्ह अशोक स्तम्भ (सारनाथ) है और हमारे देश के पश्चिम पर भी 'अशोक-चक्र' अंकित है।
इस उपन्यास में लेखक ने सम्राट अशोक के जीवन और उनके विचारों को विस्तार से प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। साथ ही मौर्य-काल में उपस्थित विचारों और व्यवस्थाओं को भी प्रस्तुत किया गया है। इसके लिए लेखक ने काल्पनिक पत्रों और घटनाओं का आश्रय लिया है, तथा ग्रंथों में उल्लेखित घटनाओं, और उनके पीछे के कारणों को अपने तरीके से प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।

About the Author(s)

प्रेम की ज़िन्दगी भी उतनी ही आम है, जितनी किसी और लड़के की होती है। वे भी डिग्री मिलने के बाद अपना करियर बनाने में लग गए। वे भी कई बार मायूस होकर बैठ गए। फिर उठकर।।। किसी दिशा में चल पड़े। उनकी टूटती-बिखरती और फिर सँवरती हुई आस ने ही इस पुस्तक को जन्म दिया। इसलिए 'अशोक वाणी' उनके लिए सबसे अहम् है और दिल के सबसे करीब भी।

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