Bhagwat Ka Shashwat Sandesh ( Hindi)

Bhagwat Ka Shashwat Sandesh ( Hindi)

Author : Dr. Suresh Chandra Sharma

In stock
Rs. 1,799.00
Classification Religion
Pub Date March 2019
Imprint Sarvatra (An Imprint of Manjul Publishing House)
Page Extent 956
Binding HardCover
Language Hindi
ISBN 9789388241595
In stock
Rs. 1,799.00
(inclusive all taxes)
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About the Book

भागवत का शाश्वत संदेश
भोग जीवन से भाव जीवन की ओर

भगवत्प्राप्ति के दो मार्ग हैं - मर्यादा ओर अनुग्रह
वेदों में मर्यादा मार्ग की प्रधानता है और भागवत में अनुग्रह मार्ग की I
इसी कारण जन-मानस में इस ग्रन्थ ने अपना सर्वोच्च स्थान बनाया है I
भागवत की वर्णन शैली विश्लेषण तथा संश्लेषण-परक दोनों ही प्रकार की होने के कारण यह ब्रहाविद्या का विज्ञान भी है और कला भी I एक साथ ही कला और विज्ञान होने के कारण इसमें ज्ञान, वैराग्य और भक्ति का उत्कृष्ट समन्वय किया गया है जो वैश्विक समाज की माँग है I
मानव-जीवन का सर्वोच्च एवम अंतिम लक्ष्य भगवत्प्राप्ति ही है, यह जानते हुए भी मनुष्य का मन भोग-जीवन से ऊपर उठा जा सकता है तथा इस भावोन्नयन हेतु भागवत-धर्म से श्रेष्ठ मार्ग कोई नहीं है I
यह जगत आश्चर्य से परिपूर्ण है I परन्तु रेखांकित करने योग्य बात यह है कि इस आश्चर्य के दो छोर हैं, एक प्रारंभिक आश्चर्य का अज्ञानमय छोर तथा दूसरा ज्ञानमुक्त आश्चर्य का छोर I प्रारंभिक आश्चर्य अज्ञानयुक्त भले ही हो, किन्तु आश्चर्य का अन्त आराधना में रूपांतरित हो जाता है I भागवत पुराण इस जगत को वासुदेवरूप मानकर और अन्त में जानकार इसकी प्रेममय आराधना में तत्पर हो जाता है तथा वैज्ञानिक जगत भी इसे आराध्य रूप मानाने लगता है I
जगत एक प्राकृतिक घटना है I कोई घटना जैसी हमारी इन्द्रियों को प्रतीत होती है उसे प्रतीति ज्ञान कहा जाता है; परन्तु वस्तुतः वः घटना जो होती है उसे वास्तविक वस्तु कहते हैं I इस पुस्तक में इसी वास्तविक ज्ञान का निरूपण किया गया है I

About the Author(s)

सुरेशचन्द्र शर्मा का जन्म 1 नवंबर 1944 को ग्राम ग़ुलालई, सबलगढ़, ज़िला मुरैना (मध्य प्रदेश) में हुआ I वे जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर से वर्ष 2006 में प्रमुख वैज्ञानिक और मृदा विज्ञान विभागाध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त हुए I छात्र जीवन से ही छात्र-कल्याण, सामाजिक तथा सांस्कृतिक क्षेत्रों में अनवरत सक्रिय कार्य करते रहे हैं I वैज्ञानिक शोधकार्य एवं अध्यापन के साथ सांस्कृतिक व आध्यात्मिक अध्ययन-अध्यापन करते हुए रामकृष्ण मिशन (बेलूर), विवेकानन्द केंद्र (कन्याकुमारी), श्री सारदा संघ (कोलकाता) तथा श्री अरविन्द सोसायटी (पुदुच्चेरी) से घनिष्ट रूप से जुड़े रहे हैं I रामकृष्ण-विवेकानन्द-भावधारा, श्री अरविन्द साहित्य, पाण्डुरंग आठवाले स्वाध्याय आन्दोलन तथा गीताप्रेस (गोरखपुर) के साहित्य का स्वान्तः सुखाय, व्यक्तित्व विकासार्थ एवम संस्कृति संवर्धनाय अनुवाद, लेखन, संपादन तथा संकलन किया है I
वर्तमान में रामकृष्ण (ग्वालियर) के समन्वयक तथा श्री अरविन्द सोसायटी - इंस्टिट्यूट ऑफ़ कल्चर (ग्वालियर) के प्रमुख मार्गदर्शक के रूप में अनेक सृजनात्मक कार्यों में व्यस्त हैं I

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