Chaturbhuj ( Hindi)

Chaturbhuj ( Hindi)

Author : Arvind Jain

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Rs. 299.00
Classification Fiction
Pub Date February 2017
Imprint Sarvatra (An Imprint of Manjul Publishing House)
Page Extent 470
Binding Paperback
Language Hindi
ISBN 9788183227971
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About the Book

चतुर्भुज उपन्यास एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो अपने कृत्यों के कारण कुख्यात है. ग्राम, तहसील व् जिला स्तरीय गतिविधियों में स्थापित किया. वे सब सफलता के सोपान पर अग्रसर हुए. उन सभी ने अपने क्षेत्रों में यश, धन, वैभव कमाया पर अंत समय में अपने मूल कर्तव्यों के प्रति अनुरागी न होने से स्वयं अपने बनाये मकड़जाल में फंस गए.
यह कहानी वर्तमान परिप्रेक्ष्य में भी उतनी ही खरी उतरती है जितनी राष्ट्र की स्वतंत्रता के पूर्व थी. परंपरा को त्यागना या परंपरा पर चलना बहुत कठिन काम है. सुगमता इ जो मिलता है हम वही चाहते हैं, भले ही उसके पीछे नैतिकता का कितना ही पतन हो जाए. जिन कर्तव्यों का पालन जिन्हें करना चाहिए वे स्वार्थ लिप्सा के वशीभूत, कर्तव्यबोध से दूर होकर आत्मग्लानि में डूब जाते हैं.
यह कहानी सीख देती है कि 'जैसा बोया वैसा पाया' इस पहलू पर आत्म निरिक्षण कर हम अधिक से अधिक सुधार कर स्वयं, समाज व् देश की प्रगति में सहायक हो सकते हैं.

About the Author(s)

डॉ. अरविन्द जैन का जन्म 14 मार्च, 1951 को जबलपुर में हुआ I उनकी शिक्षा-दीक्षा जबलपुर में हुई I डॉ. जैन ने बी.ए.एल.एम.एस. की परीक्षा जबलपुर विश्वविद्यालय से वर्ष 1974 में प्रथम श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त कर उत्तीर्ण की तथा उन्हें जबलपुर विश्वविद्यालय द्वारा स्वर्ण पदक प्रदान किया गया I 1975 से 2011 के बीच विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करने के पश्चात् वे शासकीय सेवा से निवृत हुए I सेवानिवृत्ति के पश्चात् साहित्य सृजन के क्षेत्र में उतरकर इन्होंने अल्प अवधि में आनंद कही - अनकही उपन्यास आत्मकथा के रूप में प्रकाशित किया I हाल ही में प्रकाशित भोपाल के शासन व् प्रशासन से जुड़े अधिकारीयों के राज़ उजागर करता आपका लघु उपन्यास चार इमली काफ़ी चर्चा में है I आपके आगामी उपन्यास चतुर्भुज व् पाँच रतन धन पायो शीघ्र ही पाठकों के लिए उपलब्ध होंगे I

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