About the Book
यूँ तो कहानियाँ गद्य में प्रस्तुत संक्षिप्त आख्यान की प्राचीनतम और सार्वभौमिक विधा है, लेकिन इसका व्यवस्थित आधुनिक विधागत रूप उन्नीसवीं सदी में विकसित हुआ और बीसवीं सदी में, विशेष रूप से रूस, जर्मनी, फ़्रांस और अमेरिका में परवान चढ़ा I
वैश्विक कथा - परिदृश्य इतना व्यापक और समृद्ध है कि कम से कम साठ वर्ष पूर्व दिवांगत हो चुके लेखकों के बीच से इन चौदह कहानियों को आपके सामने प्रस्तुत किया गया है I विश्व की श्रेष्ट कहानियों का एक सम्यक और प्रतिनिधि संग्रह एक बड़े और एकाधिक खंडों वाले संचयन की मांग करता है I
सत्रहवीं सदी से लेकर आरंभिक बीसवीं सदी के प्रदीर्घ अंतराल को समेटने के नाते और कहानी की विधा को आविष्कृत-परिभाषित करने वाली कालजयी विभूतियों की उपस्तिथि के नाते यह संचयन बेहतरीन है I
मूल अंग्रेज़ी कहानियों के साथ - साथ सभी गैरअंग्रेज़ी भाषी कहानियों के अनुवाद इन कहानियों के अंग्रेज़ी अनुवादों पर आधारित हैं I
About the Author(s)
मदन सोनी हिंदी के लेखक हैं जो मुख्यतः साहित्यालोचना और अनुवाद के क्षेत्र में सक्रिय हैं I आलोचना पर केंद्रित उनकी अनेक पुस्तकें प्रकाशित हैं तथा उन्होंने विश्व के कई शीर्षस्थ लेखकों और चिंतकों की रचनाओं के अनुवाद किए हैं जिनमें शेक्सपीयर, लोर्का, नीत्शे, एडवर्ड बॉण्ड, मार्ग्रेट ड्यूरास, ज़ाक देरिदा आदि शामिल हैं I हाल ही में उनके द्वारा अनुदित अम्बर्टो ईको का विश्विख्यात उपन्यास 'द नेम ऑफ़ थे रोज़' (ख़ाली नाम गुलाब का) प्रकाशित हुआ है I मंजुल पब्लिशिंग हाउस के लिए उन्होंने जो अनुवाद किए हैं उनमें वनमाली द्वारा रचित श्री शिव लीला, नीरज कुमार की पुस्तक डायल डी फ़ॉर डॉन और एस. हुसैन ज़ैदी की पुस्तकें डोंगरी टू दुबई (डोंगरी से दुबई तक) तथा बायकला टू बैंकॉक शामिल हैं I
भोपाल स्थित राष्ट्रीय कला-केंद्र भारत भवन के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद से सेवा-निवृत सोनी को अनेक सम्मान और पुरुस्कार प्राप्त हुए हैं जिनमें मानव संसाधन विकास मंत्रालय, संस्कृति विभाग की वरिष्ठ अध्ध्यन वृति रज़ा फ़ॉउंडेशन पुरस्कार शामिल हैं I वे नान्त (फ्रांस) के उच्च अध्ययन संसथान के फ़ेलो भी रहे हैं I