About the Book
विजय तैलंग हमेशा मन में आये विचारों को पंक्तियों में पिरोकर छोटी पर्चियों में लिखकर एक बॉक्स में रख देते थे। छोटी-छोटी कवितायें लिखने का शौक उन्हें स्कूली शिक्षा के समय से ही रहा है, और उन्होंने स्कूल से लेकर अब तक कई अनुभवों को कविताओं में अभिव्यक्त किया है। बहुत समय यह सोचते हुए निकल गया कि इन्हें प्रकाशित किया जाये अथवा नहीं। परिवारजनों और चाहने वालों के प्रोत्साहन से निश्चय हुआ कि आपके 75वें जन्मदिन पर आपकी चुनिंदा 75 कविताओं को प्रकाशित किया जाये।
आशा है कि ये कवितायें आपके भावों से वार्तालाप करेंगी।