About the Book
दैनिक जीवन में मनोविज्ञान
डॉ. विनय मिश्रा एक मनोचिकित्सक और प्राध्यापक के रूप मैं अपने समृद्ध अनुभव इस पुस्तक में लेकर आए हैं, जो हमें यह बताती है कि अपने जीवन में सैकड़ों भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक उतार-चढ़ावों का सामना करने के बाद भी हम सभी बिलकुल सामान्य हैं. सरल और आसानी से अमल में लाये जाने वाले परामर्श के माध्यम से वे बता रहे हैं कि इन समस्याओं का सामना किस तरह से किया जाए, जिस के ज़रिये हम स्वस्थ और उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने की ओर बढ़ सकें.
आज की अति व्यस्त जीवन शैली ओर तनावपूर्ण कार्य परिस्तिथियाँ हमारे भीतर या हमारे आस-पास के लोगों के भावनात्मक असंतुलन उत्पन्न कर सकती हैं. डॉ. मिश्रा उन मुद्दों की ओर स्पष्ट रूप से संकेत करते हैं जिन के समाधान परिवार ओर मित्रों के सहयोग से आसानी से निकले जा सकते हैं. किस की समस्याएँ अधिक जटिल हैं जिसके लिए किसी पेशेवर की मदद की आवश्यकता होगी ओर वह मदद किस तरह मिल सकती है, यह जान लेना सचमुच उपयोगी होगा और उनके जीवन की गुणवक्ता में परिवर्तन लेकर आएगी. मनोवैज्ञानिक समस्याओं से बहार आना वाकई संभव है.
About the Author(s)
डॉ. विनय मिश्रा एक मनोवैज्ञानिक, प्रशिक्षक और मनोविज्ञान के प्राध्यापक हैं. उनका चयन भारतीय सैन्य अकादमी में हुआ, लेकिन उन्होंने एक मनोवैज्ञानिक के रूप में पढ़ाने और परामर्श देने का फैसला किया. वे इंटरमीडिएट, स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर सर्वश्रेष्ठ छात्र रहे हैं. साथ ही उन्हें मनोविज्ञान में उनके शोध के लिए राष्ट्रीय मेरिट छात्रवृति से नवाज़ा गया है.
डॉ. मिश्रा को अंटार्कटिका पर मानव व्यवहार के अध्ययन हेतु दक्षिणी ध्रुव पर गए २०वें भारतीय वैज्ञानिक अभियान के सदस्य होने का गौरव प्राप्त है. उनका लीक से हट कर किया गया शोध भारत सरकार द्वारा अगले भारतीय अंटार्कटिका अभियान हेतु स्वीकार कर लिया गया है.
शोध कार्य के अलावा डॉ.मिश्रा की संगीत में रुचि और योग्यता के कारण उन्हें अमेरिका में भारत के सांस्कृतिक राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया है. अज़म्पशन विश्वविद्यालय, बैंकॉक में अतिथि व्याख्याता के रूप में वे एमबीए के विद्यार्थियों को संस्थागत व्यवहार विषय भी पढ़ाते हैं.
डॉ. मिश्रा को संयुक्त राज्य अमेरिका के डेन्वर इंटरनैशनल कार्यक्रम में यौन अपराधों के लिए मनोचिकित्सा विषय पर शोध के लिए छात्रवृति प्राप्त हुई. वे कई स्थानीय और राष्ट्रीय स्टार के समाचार पत्रों में मनोविज्ञान संबंधित स्तंभ लिखते रहे हैं.
वर्तमान में डॉ. मिश्रा भोपाल स्कूल ऑफ़ सोशल सइंसेज़ में मानविकी विभाग के विभाध्यक्ष हैं.