About the Book
प्रस्तुत पुस्तक में लेखक ने अपनी 47 वर्षों की यात्रा (1974 से 2021 तक) का वर्णन किया है, जो तब शुरू हुई थी जब उन्होंने अपना लक्ष्य निर्धारित किया था।
उनकी इस यात्रा में कैसे-कैसे पड़ाव आये, कितनी ही कठिनाइयाँ आयीं,
फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपने सपनों को बूढ़ा नहीं होने दिया।
ऐसा कैसे हुआ, वो कौन-सी मजबूरियाँ थी जो उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए आगे नहीं बढ़ने दे रहीं थी और फिर उन परिस्थितियों में वो कैसे अपने आप को संभालते रहे! इसी क्रम में धीरे-धीरे समय गुज़रता गया लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और रिटायरमेन्ट के बाद अपने सपनों को पूरा किया।
यह पुस्तक एक अनूठे संघर्ष की गाथा है, जो आपको रोमांचित तो करेगी ही,
साथ में आपको अपने उद्देश्यों को पाने के लिए एक नयी ऊर्जा, नयी उड़ान भी देगी।