About the Book
लेखक के जीवन में एक शब्द कई बार सुनाई देता है कि वह ‘राइटर्स ब्लॉक’ से जूझ रहा है। ऐसा समय लेखक के जीवन में बहुत उथल-पुथल लेकर आता है। वह स्वस्थ होते हुए भी स्वस्थ नहीं रहता और बहुत सारी ऐसी व्याधियों से घिरा होता है जिसे केवल वही समझ सकता है।
क़िस्सों की रेल लेखक के जीवन के उन्हीं क्षणों में से एक है जिस पल उन्होंने अपने मित्रों की सहायता से राइटर्स ब्लॉक को अपने मस्तिष्क से निकाल फेंका। अमरकंटक एक्सप्रेस में भोपाल से शहडोल की यात्रा के दौरान ‘एस-5’ बोगी में हर बीतता पल एक किस्सा दे गया। उन सभी किस्सों को संकलित कर संजोने का कहानी-लेखन की विधा में यह लेखक का पहला प्रयास है जिसे उन्होंने यात्रा संस्मरण की तरह लिखा है।
क़िस्सों की रेल लेखक के लिये इसलिये भी खास है क्योंकि यह यात्रा उन्होंने अकेले नहीं की। इस यात्रा में उनके परम मित्रों के साथ बोगी के अन्य यात्री भी सहभागी रहे हैं। राइटर्स ब्लॉक से निकालने और जीवन में प्रेरणा के अभाव के समय इन सभी ने लेखक को ‘स्व’ की खोज के लिये प्रेरित किया। साथ ही यह रेल उन यात्रियों के ‘स्व’ की खोज में भी सहायक हुई। जुड़िये हमारे साथ और आप भी सहभागी बनिये इस अनोखी रेल के...