About the Book
त् त्वम् असि भारत के पुरातन हिंदू शास्त्रों व उपनिषदों में वर्णित चार महावाक्यों में से एक है, जिसका अर्थ है ‐ ‘‘वह तुम ही हो”। यह आध्यात्म का मूल है। तुम जिसकी खोज में भटक रहे हो वह तुम हो। जिसे तुम हासिल करना चाहते हो, जो तुम्हारे समस्त दुखों का कारण है, जो तुम्हे प्रसन्नता दे सकता है, वह तुम ही हो।
ताश्री एक खोज है। कहानी के तीन अलग-अलग किरदार ताश्री, नंदिनी और विजय कुछ खोज रहे हैं, मगर तीनों की मंजिल एक ही है ‐ स्वयं।