About the Book
सुरेश पटवा एक विलक्षण शैली के लेखक हैं। उनकी संबंधित विषय पर पकड़ और क़िस्सागोई शैली पाठक को बाँधकर रखती है। वे साधुवाद के पात्र हैं कि उन्होंने किस कुशलता से हिंदी सिनेमा के इतिहास को शुरुआत से लेकर सत्तर के दशक तक अत्यंत रोचक शैली में पिरोया है। किताब में फ़िल्मों के इतिहास को शुरुआत के शाहकार, व्यावसायिक सिनेमा, स्वर्णयुग का सिनेमा, इन तीन भागों में प्रस्तुत किया गया है। पचास के दशक से सत्तर के दशक का सिनेमा सचमुच अद्भुत था। उसमें समाज के लिए एक संदेश होता था। पौराणिक कथाओं, आज़ादी की लड़ाई और कालजयी प्रेम आख्यानों से कथानक लेकर शास्त्रीय नृत्य और मधुर धुनों के साथ मनोरंजक शैली में प्रस्तुत किए जाते थे। उस युग के सिनेमा ने भारतीय लोगों की मानसिकता गढ़ने का बड़ा काम किया है।
भारत में 1970 के दशक तक विविध कारणों से मनोरंजन के पारम्परिक तरीक़े जैसे नौटंकी, नाटक, रामलीला, रासलीला सिमट रहे थे। तब सिनेमा उद्योग में पूँजी और प्रतिभा का विस्फोट हो रहा था। प्रतिभा का एक बहुत बड़ा वर्ग फ़िल्म निर्माता, गीतकार, संगीतकार, तकनीशियन और अदाकारी से फ़िल्म निर्माण की तरफ़ आकर्षित हुआ। उससे जो भी निर्मित हुआ वह हिंदी सिनेमा का स्वर्णयुग बन गया। यह एक श्रेष्ठ पठनीय कृति है।
About the Author(s)
सुरेश चंद्र पटवा का जन्म 1952 में म.प्र. के होशंगाबाद जिले के सोहागपुर में हुआ। आपकी लेखन विधाएं कहानी, उपन्यास, इतिहास, लघुकथा, कविता, ग़ज़ल, वांग्मय, आध्यात्मिक साहित्य और यात्रा वृतांत हैं परंतु केंद्रीय विधा इतिहास व वांग्मय है, जिसके लिए आप जाने जाते हैं। आपकी कुल 12 कृतियाँ प्रकाशित हैं जिन्हें विभिन्न संस्थाओं ने सम्मानित किया है।
अब तक प्राप्त सम्मान :
• अखिल भारतीय तुलसी साहित्य समिति द्वारा ‘स्त्री-पुरुष’ हेतु तुलसी साहित्य सम्मान-2020-21
• अखिल भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलन द्वारा प्रदत्त डॉ. पोथुकुची साम्वा शिवराम मेमोरियल एक्सेलेन्सी अवॉर्ड-2021
• प्रभात साहित्य परिषद द्वारा शफ़ीक़ तनवीर सम्मान-2022
• भारतीय स्टेट बैंक, भोपाल वृत्त द्वारा उल्लेखनीय साहित्य सेवा सम्मान-2022
• मध्य प्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, हिंदी भवन भोपाल द्वारा हज़ारी लाल जैन स्मृति वांग्मय पुरस्कार 2022
• कादम्बरी जबलपुर द्वारा ‘प्रेमार्थ’ कहानी संग्रह हेतु देवदास मयला स्मृति सम्मान-2022
• बाल साहित्य अनुसंधान भोपाल द्वारा ‘जंगल की सैर’ बाल उपन्यास हेतु कृति सम्मान-2022
• अखिल भारतीय कला मंदिर द्वारा कहानी संग्रह ‘प्रेमार्थ’ हेतु श्री राम नारायण प्रदीप स्मृति साहित्य कला रत्न सम्मान-20021-22