Ek Hee Chehra Thaa Ghar Main

Ek Hee Chehra Thaa Ghar Main

Author : Khushbir Singh Shaad

In stock
Rs. 195.00
Classification Poetry
Pub Date June 2019
Imprint Manjul Publishing House
Page Extent 140
Binding Paperback
Language Hindi
ISBN 9789388241977
In stock
Rs. 195.00
(inclusive all taxes)
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About the Book

कहने को एक आईना टूट बिखर गया
लेकिन मिरे वजूद को किरचों से भर गया

मैं जाने किस ख़याल के तनहा सफ़र में था
अपने आहूत करीब से होकर गुज़र गया

इक आशना से दर्द ने चौंका दिया मुझे
मैं तो समझ रहा था मिरा ज़ख्म भर गया

शायद कि इन्तजार इसी पल का था उसे
कश्ती के डूबते ही वो दरिया उतर गया

मुद्दत से उसकी छाँव में बैठा नहीं कोई
इस सायादार पेड़ इसी ग़म में मर गया

खुशबीर सिंह 'शाद' का कलाम उर्दू के अदबी हलकों में दिलचस्पी से पढ़ा जा रहा है। एक ज़माना था जब मुशायरों में कुबूले-आम मेयार की सनद हुआ करता था लेकिन अगर किसी का क़लाम समाईन को भी मुतासिर करें और क़ारीन को भी मुतवज्जा करने में कामयाब हो तो उसका इस्हाक़ मुसल्लम हो जाता है।
- गोपीचंद नारंग

About the Author(s)

खुशबीर सिंह 'शाद' उर्दू भाषा के मशहूर शायर हैं। उनकी गज़ल की सात पुस्तकें देवनागरी और उर्दू में एक साथ प्रकाशित हुई है। उनका जन्म 4 सितंबर 1954 को सीतापुर (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। वह क्राइस्ट चर्च कॉलेज, सिटी मॉन्टेसरी स्कूल और केकेवी लखनऊ के पूर्व छात्र हैं। शाद ने अपनी उस्ताद वली आस से उर्दू शायरी का हुनर सीखा। उनकी प्रकाशित रचनाओं में शामिल हैं जान कब ये मौसम बदले (1992), गिली मिट्टी (1998), चलो कुछ रंग ही बिखरे (2000), ज़रा ये धूप ढल जाए (2005), बेखवाबियान (2007), जहाँ तक जिंदगी है (2009) और बिखरने से ज़रा पेहले (2011)। शाद ने फिल्म निर्माता महेश भट्ट द्वारा निर्देशित बॉलीवुड फिल्म 'धोखा' के लिए गीत भी लिखे हैं।

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