Bharat Mata ka Veer Putra Birsa Munda ( Hindi)

Bharat Mata ka Veer Putra Birsa Munda ( Hindi)

Author : Tuhin A Sinha and Ankita Verma

In stock
Rs. 399.00
Classification Fiction
Pub Date March 2022
Imprint Manjul Publishing House
Page Extent 284
Binding Paper Back
Language Hindi
ISBN 9789390924493
In stock
Rs. 399.00
(inclusive all taxes)
OR
About the Book

19वीं शताब्दी में भारत के उस मध्य भाग में आदिवासी अत्यंत बदहाली और अंधकार का जीवन जी रहे थे, जो अब झारखंड राज्य कहलाता है। औपनिवेशिक सत्ता ने स्थानीय षड्यंत्रकारियों की मदद से उनके चारों ओर अत्याचार और शोषण का जाल बुन दिया था, जो किसी जल्लाद के फंदे की तरह कसता जा रहा था। जो कुछ उनके दिल के क़रीब था, यानी उनकी भूमि, घर, इतिहास, परंपराएं, धर्म और
परिवार, वो महारानी के लिए भव्य, लेकिन बेरहम साम्राज्य बनाने की व्यापक औपनिवेशिक योजना का शिकार हो गया था।
लोगों को हालाँकि जब धूल में मिलाया जाता है और उनकी पहचान पूरी तरह ख़त्म होने का ख़तरा पैदा हो जाता है, तो वे गर्जना के साथ तपिश भरी, क्रोधित आग की तरह इतने भड़क उठते हैं कि यह साम्राज्य के दिल में भीतर तक गूँजने लगता है और सत्ता में बैठे लोगों में भय से सिहरन दौड़ जाती है। यह एक ऐसी आग होती है जो विद्रोह को जन्म देती है। ऐसे ही एक विद्रोह के केंद्र में थे पच्चीस साल के युवा बिरसा मुंडा। उन्होंने अपने समुदाय और उसके लोगों की ज़िंदगियों की रक्षा के लिए आदिवासियों की लड़ाई का नेतृत्व करने का फ़ैसला किया।
शेर दिल योद्धा, कल्याणकर्ता, आध्यात्मिक मार्गदर्शक और एक भुला दिया गया नायक।
सच्ची घटनाओं पर आधारित, साहस की यह वीर गाथा बिरसा मुंडा के जीवन को एक श्रद्धांजलि है, जिन्होंने अपने अत्यंत संक्षिप्त जीवन में आदिवासी समुदाय को संगठित किया और ज़बरन धर्मांतरण के ख़िलाफ़ विद्रोह किया। उन्होंने भेदभाव रहित और अधिक न्यायपूर्ण समाज की कल्पना की और इसके लिए लड़ते हुए अपनी जान न्योछावर कर दी। यह किताब एक आदिवासी नायक की रोमांचकारी कहानी है जिसका इतिहास की ज़्यादातर किताबें उल्लेख नहीं करतीं। स्वतंत्रता के लिए देश के संघर्ष में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

About the Author(s)

तुहिन ए. सिन्हा एक बेस्टसेलिंग लेखक, पटकथा रचनाकार और राजनीतिज्ञ हैं। तुहिन की गिनती स्वतंत्र विचारों वाले उन उत्कृष्ट भारतीय लेखकों में की जाती है, जो नई शैलियों के साथ प्रयोग करते हैं। उनकी लिखी 11 पुस्तकें अब तक प्रकाशित हो चुकी हैं। तुहिन ने विभिन्न शैलियों की विस्तृत श्रंखला में किताबें लिखी हैं। इनमें सामाजिक-राजनीतिक थ्रिलर और रोमांटिक गाथाएँ शामिल हैं। उन्होंने कई राजनीतिक मुद्दों पर भी विस्तार से लिखा है।


अंकिता वर्मा कम्युनिकेशन विशेषज्ञ हैं और उन्होंने दो पुस्तकें लिखी हैं। वे मुंबई विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक हैं। उन्होंने ज़ेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ़ कम्युनिकेशन से एडवरटाइज़िंग कम्युनिकेशन और मार्केटिंग में प्रशिक्षण प्राप्त किया है। 2003 में स्वयं की कम्युनिकेशन कन्सल्टेन्सी सेवा शुरू करने से पहले उन्होंने एडवरटाइज़िंग इंडस्ट्री में एक दशक से भी अधिक समय तक कार्य किया है।

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