Neelkanth: Parajay ka Vish aur Shiv  ( Hindi)

Neelkanth: Parajay ka Vish aur Shiv ( Hindi)

Author : Sanjay Tripathi

In stock
Rs. 295.00
Classification Mythology/ Fiction
Pub Date May 2019
Imprint Manjul
Page Extent 324
Binding Paperback
Language Hindi
ISBN 9789388241762
In stock
Rs. 295.00
(inclusive all taxes)
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About the Book

शिव- जड़ में चेतन का आभास। शिव आदि गुरु हैं, क्योंकि कहते है ये सबसे पहले थे। सबसे पहले अर्थात हमारे अस्तित्व से भी पहले। और ये सच है क्योंकि आर्यों के इस भूमि पर आने से पहले भी शिव थे, द्रविड़ों के देव के रूप में। आर्य यहाँ आये और द्रविड़ों से उनका संघर्ष शुरू हुआ, जिसकी परिणति थी देवासुर संग्राम। यह संग्राम आर्यों और द्रविड़ों के बीच अस्तित्व के लिए लड़ा गया युद्ध था, जिसमें आर्यों का नेतृत्व विष्णु ने किया तो द्रविड़ों की कमान शिव के हाथ थी। युद्ध में आर्यों की विजय हुई और शिव ने पराजय रुपी विष को गरिमा के साथ पिया।

विष्णु और शिव ने मिलकर आर्यों और द्रविड़ों के संघर्ष को सदा के लिए समाप्त करने के लिए आर्यों और द्रविड़ों का संविलियन कराया और दोनों के मिलन से एक नए धर्म - हिन्दू धर्म ने जन्म लिया। हिन्दू धर्म में शिव सबसे बड़े देव महादेव बन कर उभरे। शिव की विशालता ने आर्यों में उन्हें अति लोकप्रिय बना दिया और लाल वर्ण शिव को आर्यों ने अपना नील वर्ण देकर नीलकंठ बना दिया। कहते हैं कि ईश्वर कि अनेक गाथाएं हैं, किसी एक कि कल्पना इस किताब में की गयी है।

About the Author(s)

संजय त्रिपाठी- इंजीनियरिंग की पढ़ाई के पश्चात इतिहास के प्रति रूचि जागी तथा ईश्वरत्व तक पहुँचे महान नायकों के बारे में और अधिक जानने की जिज्ञासा हुई। आर्यों एवं द्रविड़ों की सभ्यता तथा राम द्वारा किए गए संस्कृत व धर्म निर्माण के कार्यों की जानकारी देती मेरा राम मेरा देश लेखक के रूप में आपकी पहली कृति है, तथा श्रीकृष्ण के द्वारा प्रतिपादित धर्म एवं राष्ट्र उत्थान का वर्णन करती मथुरा ईश आपकी दूसरी पुस्तक है। नीलकंठ पत्नी मंजुल त्रिपाठी के सहयोग से लिखी गयी है। आप वर्त्तमान में लोक सेवक के रूप में मध्य प्रदेश में कार्यरत है।

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