About the Book
‘अपने सामयिक और चिंतनशील संदेश के कारण... यह एक वैश्विक किताब बनने योग्य है’
इंडीपेन्डेंट
जानिए प्रेम के चालीस नियम...एला के पास उसका पति, तीन बच्चे और एक सुंदर-सा घर है।उसके पास वह सब है जिसके चलते उसके पास आत्मविश्वास और संतोष होना स्वाभाविक है। फिर भी ऐला के दिल में एक खालीपन है - ऐसा खालीपन जो पहले प्यार से भरा हुआ था। एला जब तेरहवीं शताब्दी के सूफ़ी कवि रूमी और शम्स तबरेज़ और उसके द्वारा बताए जीवन और प्रेम के चालीस नियमों से जुड़ी एक किताब की पांडुलिपि पढ़ती है तो उसे बहुत आश्चर्य होता है। वह अपने परिवार को छोड़कर उस किताब के रहस्यमयी लेखक से मिलने निकल पड़ती है।
यह किताब, सूफ़ी रहस्यवाद और कविताओं से भरी एक ऐसी यात्रा है जो एला और हमें एक अद्भुत संसार में ले जाती है जहाँ आस्था और प्रेम की खोज करते हुए दिल भर आता है...
‘ज्ञानवर्द्धक और रोचक। आस्था और प्रेम की जीत को प्रभावित करने वाली पुस्तक’ – मेट्रो
‘विविधतापूर्ण तरीके से लिखी और मनमोहक रूप से बौद्धिक’ - डेली टेलीग्राफ़