Keoladeo Pakshi Abhyaran: Pakshiyon ka Samrajya  ( Hindi)

Keoladeo Pakshi Abhyaran: Pakshiyon ka Samrajya ( Hindi)

Author : Dr. Erach Bharucha (author) Swayamprakash (translator)

In stock
Rs. 150.00
Classification Childrens Book
Pub Date March 2021
Imprint Manjul Publishing House
Page Extent 32
Binding Paper Back
Language Hindi
ISBN 9789389647440
In stock
Rs. 150.00
(inclusive all taxes)
OR
About the Book

इस दुनिया में बर्फ़ से ढँके पहाड़ हैं, नदियों में बहता साफ-चमचमाता पानी है। कितने ही लोग, जीव-जन्तु पक्षी, पेड़ यहाँ बसते हैं। पलते-बढ़ते हैं। इसके अलावा यहाँ हमारे पूर्वजों द्वारा निर्मित ऐसे स्मारक भी हैं, जो सैकड़ों सालों से अविचल खड़े हैं - हमारी ज़िन्दगियों और इतिहास को और मूल्यवान और समृद्ध बनाते हुए।
इन बेशकीमती स्मारकों और प्राकृतिक लैण्डस्केपों को संरक्षित रखना बेहद ज़रूरी है। इनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सरकारें और संयुक्त राष्ट्र आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) जैसी संस्थाएँ साथ काम कर रही हैं।
यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल दुनियाभर में फैले हैं। ये मनुष्य अथवा प्रकृति द्वारा निर्मित लैण्डस्केप और वास्तुकला के अद्भुत नमूने हैं। 2018 तक भारत में ऐसे 37 स्थलों को चिन्हित किया जा चुका है। इनका रख-रखाव और संरक्षण हमारी ज़िम्मेदारी है।
विश्व धरोहर के रूप में चिन्हित सभी स्थलों पर बच्चों के लिए एक पुस्तक श्रंखला का प्रकाशन किया जा रहा है।

About the Author(s)

डॉक्टर एरच भरुचा दिन में डॉक्टरी करते हैं और रात में इकोलॉजी-गुरू का रोल अदा करते हैं। वे कई वर्षों से भारत की खूबसूरत प्राकृतिक धरोहर के संरक्षण का काम कर रहे हैं। बच्चों के साथ अभयारण्य और ऐसे ही नैसर्गिक जगहों में घूमना उन्हें बहुत भाता है। वे चाहते हैं कि बच्चे पर्यावरण और प्रकृति को जानें, समझें। सिर्फ़ किताबों से ही नहीं, बल्कि उनके अवलोकन से, उनसे रिश्ता बनाकर। भारत की प्राकृतिक धरोहर भले ही काफ़ी हद तक नष्ट हो गई है पर डॉक्टर भरुचा को उम्मीद है कि बच्चे आज नहीं तो कल जंगलों, नदियों और पशु-पक्षियों का संरक्षण करने के लिए ज़रूर आगे आएँगे।

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