About the Book
‘जादूनामा’ एक लेखक, शायर, गीतकार और राजनीतिक कार्यकर्ता की ज़िन्दगी के सफ़र के बारे में है। यह बचपन से ही इस इंसान के संघर्ष के बारे में भी है कि वे आज किस मक़ाम पर हैं और वे जो कुछ भी करते हैं, उसमें कामयाबी की विशिष्ट पहचान रच देते हैं। जावेद साहब के वालिद, जाँ निसार की कविता, ‘लम्हा, लम्हा किसी जादू का फ़साना होगा’ इस नाम के पीछे की प्रेरणा थी। जब यह छोटा-सा लड़का स्कूल की पहली कक्षा में था, तो सभी ने महसूस किया कि जादू कोई गंभीर नाम नहीं है। लिहाज़ा, जितना मुमकिन हो सके, जादू के क़रीब एक लफ़्ज़ रखने के लिए उसका नाम बदलकर जावेद (यानी अमर) अख़्तर (यानी सितारा) रख दिया गया - अमर सितारा! जावेद न केवल तब से सुर्खियों में बने हुए हैं, बल्कि वे अमर सितारे की तरह चमकते भी रहते हैं।
जावेद साहब को अनेक पुरस्कारों और अलंकरणों से नवाज़ा जा चुका है, उनमें पद्मश्री (1999), अवध सम्मान उत्तरप्रदेश (2001), इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार (2005) और पद्म भूषण (2007) उल्लेखनीय हैं। जावेद अख़्तर ने अपने काम के माध्यम से लोगों को उनका हक़ दिलाने के लिए हमेशा अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ कोशिश की है, चाहे वह सांस्कृतिक परिवेश में हो, या लेखकों के हक़ के लिए लड़ने की बात हो।
‘जादूनामा’ जावेद अख़्तर की ज़िन्दगी के बारे में दुर्लभ जानकारी और दिलचस्प क़िस्सों से सुसज्जित है। यदि किताब को जावेद साहब के सफ़र का विशाल झरोखा कहें, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। उनकी ज़िन्दगी के सफ़र को देखें, तो उन्होंने समय-समय पर चलने वाले आख्यान का पालन करने से निरंतर इंकार कर दिया और न ही कोई पुराना रास्ता अपनाया। इंसानियत की हवाओं से प्रेरित जावेद साहब समुद्र में नौकायन करने वाले उस जहाज की तरह हैं, जिसने व़क्त के कई बंदरगाहों पर लंगर डाला है।
ज़िन्दगी में लंबा सफ़र तय करने और कामयाबी की हर मंज़िल हासिल करने के बावजूद जावेद अख़्तर का दृढ़ विश्वास है कि जहाँ कोई पहुँच गया है, वह किसी की मंज़िल नहीं हो सकती। मंज़िल हमेशा थोड़ी आगे होती है। जब तक यह आगे है और आगे बढ़ रही है, तब तक इंसान ज़िंदा है, जैसा कि इस शेर में कहा गया है :
हमारे शौक़ की ये इंतिहा थी,
कदम रक्खा कि मंज़िल रास्ता थी।
ज़ाहिर है, यह जहाज अब भी समुद्र की लहरों के बीच चल रहा है।
जावेद साहब की रचनात्मकता और बुद्धिमत्ता मेरे लिए हमेशा प्रेरणा का स्त्रोत रही है।
- अमिताभ बच्चन
जावेद बहुत ही बुद्धिमान और लॉजिकल हैं। हम दोनों का साथ बहुत ही ज़ोरदार रहा।
- सलीम खान
मैं जावेद साहब के हुनर का प्रशंसक रहा हूँ। उन्होंने मेरी फ़िल्म सिलसिला के गाने लिखे और जल्द ही अपने समय के सर्वोत्तम गीतकार बन गए।
- यश चोपड़ा
उनके निकनेम ‘जादू’ की तरह जावेद साहब का संपूर्ण व्यक्तित्व ही जादुई है।
- गुलज़ार
बीते ज़माने में हमें साहिर और मजरूह जैसे कई महान गीतकार मिले हैं,
और आज के समय में हमारे पास जावेद अ़ख्तर जैसा गीतकार है।
- आशा भोसले