Napasand Kiye Jaane ka Sahas

Napasand Kiye Jaane ka Sahas

Author : Ichiro Kishimi and Fumitake Koga (Author) Neelam Bhatt (Translator)

In stock
Rs. 450.00
Classification Non-Fiction/Self Help
Pub Date April 2023
Imprint m
Page Extent 260
Binding Paper Back
Language Hindi
ISBN 9789355432032
In stock
Rs. 450.00
(inclusive all taxes)
OR
About the Book

एशिया में ज़बरदस्त ढंग से बेस्टसेलर रही यह किताब आपको बताती है कि किस तरह अपने भीतर मौजूद शक्ति को पहचाना जाए, ताकि आप वह इंसान बन सकें जो आप वास्तव में बनना चाहते हैं।
यह किताब अल्फ़्रेड ऐडलर के सिद्धांतों का उपयोग करते हुए एक दार्शनिक और एक युवक के बीच के ज्ञानवर्धक वार्तालाप को दर्शाती है। फ्रायड और युंग की तरह ऐडलर मनोविज्ञान की दुनिया की बड़ी हस्तियों में से एक थे। इसमें दार्शनिक अपने शिष्य को बताते हैं कि कैसे हम सब अतीत के अनुभवों, संदेहों और अन्य लोगों की अपेक्षाओं की बेड़ियों से स्वयं को मुक्त कर अपना जीवन जी सकते हैं। चिंतन का यह तरीका आज़ाद कर देने वाला है, जिससे हम स्वयं को बदलने का साहस विकसित कर सकते हैं और उन सीमाओं को अनदेखा कर सकते हैं, जिन्हें हम खुद या हमारे आसपास के लोग हमारे लिए तय करते हैं।
नतीजतन, एक ऐसी किताब हमारे सामने है, जो बेहद सरल होने के साथ-साथ अत्यंत महत्वपूर्ण भी है। लाखों लोग इसे पढ़कर इसका लाभ ले चुके हैं। अब यह आपकी भाषा में उपलब्ध है, तो आप भी इसके द्वारा लाभान्वित हो सकते हैं।

About the Author(s)

इचिरो किशिमि का जन्म 1956 में क्योटो में हुआ था और वह वतर्मान में वहीं निवासरत हैं। अपने हाई स्कूल के दिनों से ही वह दार्शनिक बनने की आकांक्षा रखते थे। 1989 से वह ऐडलर के मनोविज्ञान पर शोध और उन पर लेखन तथा व्याख्यान देते रहे हैं। वह जैपनीज़ सोसाइटी ऑफ़ ऐडलेरियन सायकोलॉजी के प्रमाणित परामर्शदाता एवं सलाहकार के तौर पर मनोवैज्ञानिक क्लीनिकों में युवाओं को सलाह देने का काम भी करते रहे हैं। उन्होंने अ

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