About the Book
पंचतंत्र की कहानियों में मनुष्य-पात्रों के अलावा पशु-पक्षियों को भी कथा का पात्र बनाया गया है तथा उनसे कई शिक्षाप्रद बातें कहलवाने की कोशिश की गई है। पंडित विष्णु शर्मा द्वारा रचित पंचतंत्र में पाँच तंत्र या विभाग हैं। विभाग को तंत्र इसलिए कहा गया है क्योंकि इनमें नैतिकतापूर्ण शासन की विधियाँ बतायी गयी हैं।
पंचतंत्र की कहानियाँ बहुत जीवंत हैं तथा इनमें लोकव्यवहार को बहुत सरल तरीके से समझाया गया है। कई लोग इस पुस्तक को नेतृत्व क्षमता विकसित करने का एक सशक्त माध्यम मानते हैं। पंचतंत्र एक नीति-शास्त्र या नीति-ग्रन्थ है - नीति का अर्थ जीवन में बुद्धिपूर्वक व्यवहार करना है। चतुराई और धूर्तता नहीं, बल्कि नैतिक जीवन ही वह जीवन है जिसमें मनुष्य की समस्त शक्तियों और संभावनाओं का विकास हो सकता है। अर्थात् एक ऐसे जीवन की प्राप्ति हो जिसमें आत्मरक्षा, धन-समृद्धि, सत्कर्म, मित्रता एवं विद्या की प्राप्ति हो सके, और इनका इस प्रकार समन्वय किया गया हो कि जिससे आनंद की प्राप्ति हो सके। इस पुस्तक की महत्ता इसी से प्रतिपादित होती है कि इसका अनुवाद विश्व की कई भाषाओं में हो चुका है।