Gulistan-E-Gaza ( Hindi)

Gulistan-E-Gaza ( Hindi)

Author : Ashok Sawhney

In stock
Rs. 250.00
Classification Poetry
Pub Date November 2019
Imprint Manjul Publishing House
Page Extent 370
Binding Paper Back
Language Hindi
ISBN 9789353822767
In stock
Rs. 250.00
(inclusive all taxes)
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About the Book

उसको गुरूरे-हुस्न ने क्या क्या बना दिया
पत्थर बना दिया, कभी शीशा बना दिया

हर ज़ख्मे-दिल को हम ने सजाया है इस तरह
जुगनू बना दिया कभी तारा बना दिया

मैं किस ज़ुबां से शुक्र ख़ुदा का अदा करूं
जिस ने मुझे 'फ़िराक' का शैदा बना दिया

सारे जहां के दर्द की आमाज़गाह है
दिल तूने मेरे पहलू में अच्छा बना दिया

उस को ख़ुलूस कैसे नज़र आयेगा 'अशोक'
दुश्मन को इन्तेकाम ने अँधा बना दिया

"अशोक साहनी, खुद तो बड़े शायर हैं ही, इसके साथ अदब और अदीब नवाज़ भी बहुत बड़े हैं। उनका यह संकलन गुलिस्ताने-ग़ज़ल यक़ीनन अदब की दुनिया का एक बेहतरीन कारनामा है। मेरी दुआ है कि उनकी शायरी में और निखार आए, और शायरी की दुनिया में उनके काम को सराहा जाए।"
-बशीर बद्र

About the Author(s)

अशोक साहनी देश में कलाई घडी डायल उद्योग के स्तंभ हैं I इसके अलावा उनके विशिष्ट गुणों में उर्दू शेरो-शायरी, सही मायनों में जोखिम लेने वाली उद्यमशीलता और भाषा विशेषज्ञता शामिल हैं I श्री साहनी सात भाषाओँ में दक्ष हैं और पूरी तरह प्रबुद्ध कवि हैं I वे कई सामाजिक संगठनों में प्रमुख ज़िम्मेदारियों का निर्वहन भी कर रहे हैं I

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