About the Book
रश्मि जी की कविताओं में बहुत ही खूबसूरत बिम्बों और भावों की अनुगूँजें हैं बावजूद ये उतनी ही मौलिक हैं, अपने कहने के अंदाज में भीऔर शब्दों को लय में बांधने में भी । सादी लेकिन दिल से निकली इन पंक्तियों से उनके मनोभाव साफ़ झलकते हैं , जैसे बरसों से बहती किसी स्वच्छ बहती और कलकल करती नदी में मौन बैठे चिकने पत्थर हों। एक गहरा अहसास जो कविता को और उसमें साँस लेते रिश्तों को महक से भर देता है। रश्मि जी कविताऐं हमारे ज़हन में ठीक उसी तरह ठहर जाती है क्योंकि यह ह्रदय की मुक्त साधना है I
About the Author(s)
रश्मि चंद्र गुप्ता मध्यप्रदेश के छत्तरपुर ज़िले की निवासी हैं. सुशिक्षित परिवार की सदस्या होने के कारण घर में पठन-पाठन का माहौल मिला. आई.आई.टी. रुड़की से भौतिक शास्त्र में एम.फिल. की उपाधि प्राप्त की और पीएच.डी करके अपने शोध कार्य को जारी रखा तथा शोधपत्र भी विभिन्न रिसर्च जर्नल्स में प्रकाशित हुये. महाविद्यालय में अध्यापन कार्य किया.
मातृभाषा हिंदी के प्रति विशेष लगाव, अभिव्यक्ति के लिए प्रेरणा स्त्रोत बना. विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में कविताएँ व् लेख प्रकाशित हुए. कार्यक्रमों के मंच संचालन, आलेख, स्क्रिप्ट लेखन, गीत लेखन, विषय विशेष परक कार्यक्रमों में पार्शव स्वर व् काव्यपाठ भी किया. आकाशवाणी छत्तरपुर, आकाशवाणी भोपाल व् दूरदर्शन भोपाल में उद्घोषिका के रूप में सेवाएँ प्रदान कर प्रदेश में अपनी एक अलग पहचान बनाई.
आप वर्त्तमान में आस्था क्रेडिट एंड सिक्योरिटीज की निर्देशक हैं.