Munawwarnama

Munawwarnama

Author : Munawwar Rana

In stock
Rs. 350.00
Classification Poetry
Pub Date December 2016
Imprint Manjul
Page Extent 354 Pages
Binding Paperback
Language Hindi
ISBN 9788183227810
In stock
Rs. 350.00
(inclusive all taxes)
OR
About the Book

मुनव्वरनामा, इस सदी के सबसे मसहूर शायरों मैं से एक मुनव्वर राना जी की चुनिंदा रचनाओं का संकलन है. राना साहब की कामयाबी का राज़ ये है कि वे ज़ज़्बात को बोलचाल की ज़बान में बड़ी सादगी और ख़ूबसूरती के साथ ग़ज़ल बना देते हैं. उनके कलाम में बनावट नहीं है. इस संकलन में भी हमें उनकी सीरत में बसी मिटटी की ख़ुशबू का एहसास होता है, उनके गांव और कस्बात की यादें भी झलकती हैं.
राना अपनी शायरी में हिंदुस्तान की गंगा-जमुनी तहज़ीब की नुमाइंदगी करते हैं. संवेदना और विचार के बीच आश्चर्यजनक संतुलन स्थापित कर जब वे अपनी रचनाएँ हमारे आगे परोसते हैं तो जैसे आम आदमी के सभी विचारों को ज़ुबान मिल जाती है.

About the Author(s)

कई दशकों से अपने मुल्क और मुल्क की सरहदों को पार कर ग़ज़ल को हिंदुस्तानी तहज़ीब में ढालकर लोकप्रियता के शिखर पर पहुँचाने वाले शायर का नाम है सैयद मुनव्वर अली राना. अदब की अंजुमन में इस शायर को सिर्फ़ मुनव्वर राना के नाम से जाना और पहचाना जाता है. इनकी शायरी की भाषा न हिंदी है न उर्दू, बल्कि हिंदूस्तानी है. मुनव्वर आधुनिक दौर के प्रगतिशील शायर हैं. वे जिस संजीदगी से कागज़ पर अपनी संवेदनाओं को उकेरते हैं उतनी ही संजीदगी और ज़िम्मेदारी से मंच पर अपने कलाम पेश करते हैं.
हिंदी उर्दू के काव्य मंच हों या पत्र-पत्रिकाओं का संसार, उनकी मौजूदगी अभिभूत कर देती है.

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