About the Book
नौ-रस (कविता संग्रह) मेरी भावाभिव्यक्ति है। जीवन में जो घटित हुआ, अनुभव किया एवं प्रभावित हुआ, यही मेरी रचनाओं का मूल विषय है। मां, बचपन के दिन, जागो, लीला देखो ईश्वर की, हम जिंदा हैं, अफसर बेटा, रिश्ते, आदि बहुत सी रचनाओं का संकलन आपके हाथों में है जिसे आप तक पहुँचाकर गर्व महसूस कर रहा हूँ। मैं साहित्य की किसी विधा का ज्ञानी न होकर मात्र एक विद्यार्थी हूँ। मन में विभिन्न विषयों पर जो भाव उत्पन्न हुए, उन्हे ही कागजों पर उकेरने का प्रयास किया हूँ।
हर एक कविता कुछ कहती है, सुनाती है, कभी साथ चले होंगे - ऐसा अहसास दिलाती है, जोड़ती है, प्रेरणा देती है - कर्त्तव्य पथ पर निडर चलने की, बचपन की यादों को ताजा करती है, चलते चलो-रूको नहीं का पाठ पढ़ाती है, स्त्री के सौन्दर्य एवं प्रेम को सजीव करती है। नौ-रस आपके जीवन के कितने नजदीक है, इसका निर्णय आप पर छोड़ता हूँ।
About the Author(s)
इस पुस्तक के रचयिता डॉ. ओम प्रकाश शुक्ल उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के मूल निवासी हैं। उन्होंने समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ से प्राप्त की है। तदुपरान्त औद्योगिक क्षेत्र की सेवाओं से जुड़कर विश्वविख्यात फार्मास्युटिल कंपनी ल्युपिन लिमिटेड, मण्डीदीप, भोपाल के मानव संशाधन विभाग में लगभग 34 वर्ष तक सक्रिय योगदान दिया है। इसी अवधि के दौरान डॉ. शुक्ल को श्रम कानून तथा औद्योगिक सम्बन्ध में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा, एलएलबी एवं समाज-विज्ञान में पीएच. डी. (मानद) की उपाधि भोपाल विश्वविद्यालय (बरकतउल्ला विश्वविद्यालय) ने प्रदान की है। वे इसी वर्ष उक्त कंपनी से वरिष्ठ प्रबंधक-औद्योगिक सम्बन्ध के पद से सेवा निवृत्त हुए हैं। डॉ. शुक्ल भारतीय प्रबन्धन संस्थान (अहमदाबाद) द्वारा संचालित प्रबंधन विकास के विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेकर मानव संशाधन विकास/प्रबंधन के क्षेत्र में विशेष योग्यता अर्जित की है। डॉ. शुक्ल श्रम कानून के अन्तर्गत गृह जांच की प्रक्रिया पर लिखी गई पुस्तक में सह-लेखक रहे हैं। उनकी साहित्य एवं लेखन में स्कूली शिक्षा के आरम्भ से ही गहरी रूचि है। इनकी कविताएं एवं लेख विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित हुए हैं।