Sachin Tendulkar: Meri Atmakatha ( Hindi)

Sachin Tendulkar: Meri Atmakatha ( Hindi)

Author : Sachin Tendulkar with Boria Majumdar (Author) Dr. Sudhir Dixit (Translator)

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Rs. 699.00
Classification Autobiography / Nonfiction
Pub Date 25th March 2015
Imprint Manjul Publishing House
Page Extent 506
Binding Paper Back
Language Hindi
ISBN 9788183225755
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(inclusive all taxes)
About the Book

क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले सचिन तेंदुलकर शिखर पर 24 अद्भुत वर्ष बिताने के बाद 2013 में रिटायर हो गए।
अब तक के सबसे मशहूर भारतीय क्रिकेटर सचिन को भारत रत्न पुरस्कार - भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान उनके रिटायरमेंट के दिन मिला। अब सचिन तेंदुलकर अपनी खुद की उल्लेखनीय कहानी बता रहे हैं - 16 साल की उम्र में पहले टेस्ट से लेकर उनके 100वें अंतरराष्ट्रीय शतक तक और उस भावनात्मक अंतिम विदाई तक, जिसने उनके देश को थाम सा दिया था।
जब मुंबई के एक शरारती बच्चे की अतिरिक्त ऊर्जा को क्रिकेट की और मोड़ा गया, तो परिणाम स्कूली बल्लेबाज़ी के रिकॉर्डतोड़ कीर्तिमान के रूप में सामने आए, जिससे एक ऐतिहासिक क्रिकेट करियर शुरू हुआ। जल्द ही सचिन तेंदुलकर भारतीय बल्लेबाज़ी की बुनियाद बन गए और क्रिकेट को समर्पित देश के दीवाने लोग उनके खेल को ग़ौर से देखने लगे।
किसी क्रिकेटर से कभी इतनी ज़्यादा उम्मीदें नहीं की गईं; किसी क्रिकेटर ने कभी इतने उच्च स्तर पर इतने लंबे समय तक और इतनी बढ़िया शैली में प्रदर्शन नहीं किया — उन्होंने किसी भी दूसरे खिलाड़ी से ज़्यादा रन और शतक बनाए हैं, टेस्ट मैचों में भी और एक दिवसीय मैचों में भी। और शायद केवल एक ही क्रिकेट खिलाड़ी सदमे से ग्रस्त देश को एक सूत्र में ला सकता था, जब उन्होंने मुंबई को थर्राने वाले आंतकवादी हमलों के ठीक बाद टेस्ट शतक लगाया।
भारत के लिए उनकी कई उपलब्धियों में विश्व कप जीतना और विश्व टेस्ट रैंकिंग में भारत को शिखर पर पहुँचाना शामिल था। लेकिन वे कुंठा और असफलता के दौर से भी गुज़रे हैं - चोटों से लेकर विश्व कप से बाहर होने तक, और प्रेस की तीखी आलोचना के शिकार बनने तक, ख़ास तौर पर कप्तान के रूप में उनके दुखद कार्यकाल के दौरान।
उनकी मशहूर शख़्सियत के बावजूद, सचिन तेंदुलकर हमेशा बहुत निजी इंसान रहे हैं, अपने परिवार तथा देश के प्रति समर्पित। वे पहली बार अपने व्यक्तिगत जीवन के बारे में विस्तार से रोचक जानकारी दे रहे हैं और एक अनूठे खेल जीवन का सच्चा व सरस वर्णन पेश कर रहे हैं।

About the Author(s)

सचिन तेंदुलकर
मुंबई में जन्मे सचिन तेंदुलकर ने अपना टेस्ट करियर पाकिस्तान में 1989 में 16 वर्ष की उम्र में शुरू किया। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले सबसे प्रभावशाली और बेहतरीन बल्लेबाज़ों में से एक तेंदुलकर ने इतिहास में किसी भी अन्य खिलाड़ी से ज़्यादा रन और शतक बनाए हैं — टेस्ट मैचों में भी और एक दिवसीय मैचों में भी। उन्होंने 17 वर्ष की उम्र में पहला टेस्ट शतक लगाया, 36 वर्ष की उम्र में वे एक दिवसीय मैच में दोहरा शतक लगाने वाले पहले खिलाड़ी बन गए और 2012 में उन्होंने अपना 100वाँ अंतरराष्ट्रीय शतक बनाया। भारत के साथ 2009 में वे विश्व टेस्ट रैंकिंग में शिखर पर पहुँच गए और 2011 में विश्व कप जीता। 2013 में वे मुंबई के घरेलू मैदान में अपना 200वाँ और अंतिम टेस्ट खेलकर क्रिकेट से रिटायर हो गए।

बोरिया मजूमदार
रोड्स के स्कॉलर बोरिया मजूमदार ने सेंट जॉन्स कॉलेज, ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से सोशल हिस्ट्री ऑफ़ इंडियन क्रिकेट पर डॉक्टरेट की उपाधि अर्जित की। वे यूनिवर्सिटी ऑफ़ सेंट्रल लैंकाशायर में सीनियर रिसर्च फेलो हैं और मोनाश यूनिवर्सिटी, मेलबोर्न में संयुक्त प्रोफ़ेसर हैं। साथ ही वे इंडिया टुडे समूह के कन्सल्टिंग एडिटर, स्पोर्ट्स भी हैं। उनकी अन्य पुस्तकों में बहुप्रशंसित ट्वेन्टी टू यार्ड्स टु फ्रीडम : अ सोशल हिस्ट्री ऑफ़ इंडियन क्रिकेट (2004) और द इलेस्ट्रेटेड हिस्ट्री ऑफ़ इंडियन क्रिकेट (2006) शामिल हैं।

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