About the Book
‘जब तक आप इस पुस्तक को पढ़ना समाप्त करेंगे, तब तक आप एक बात के बारे में सुनिश्चित हो सकते हैं-अपने भीतर के लीडर की पहचान करना।’
-दीपक चोपड़ा , एम. डी.
‘फर्श से अर्श तक पहुँचने की श्रीधर बेवरा की कहानी वास्तव में प्रेरणादायक है। यह मुझे उन्हें पढ़ने के लिए प्रेरित करती है।’
-डॉ. शशि थरूर
जंगल में आपका स्वागत है। यहाँ का सबसे बड़ा सच यह है कि ताक़तवर ही ज़िंदा रह सकता है। कमज़ोर जानवरों को ताक़तवर अपना भोजन बना लेते हैं। इसे स्वाभाविक रूप से खाद्य श्रंखला माना जाता है, लेकिन कुछ जीव अपने निहित स्वार्थों की पूर्ति के लिए जैविक व्यवस्था से छेड़छाड़ कर रहे हैं और बड़े पैमाने पर क़त्लेआम कर रहे हैं।
पूर्वी अ़फ्रीका के जंगलों में शक्तिशाली सिंह राजा कैज़ार का स्वेच्छाचारी रवैया अपनी प्रजा पर कहर बरपा रहा है। उसे शेरों के समूह में सबसे लंबी अवधि तक शासन करने वाले राजा के तौर पर जाना जाता है। उसका मंत्री चतुर शाका है। पहले वह भेड़ों के झुंड का लीडर था, लेकिन शक्तिशाली शेरों के लिए उसने अपने झुंड से विश्वासघात किया। अपनी रक्षा की रणनीति का खुलासा होने के बाद भेड़ अत्यंत संकट की स्थिति फँस गए थे।
भेड़ आख़िर कैसे संहार को रोकते हैं और कहाँ पनाह लेते हैं?
क्या वे अपनी नस्ल की नियति को बदल सकते हैं और जंगल के क़ानून को बहाल कर सकते हैं?
क्या भयभीत भेड़ों का झुंड दहाड़ना सीख सकता है?
यहाँ नेतृत्व को लेकर एक ज्ञानवर्धक कहानी उभर कर सामने आती है।
अस्तित्व बचाए रखने में सहायक जंगल की सियासत और रणनीतियाँ, दरअसल ऐसे सबक़ हैं जिनका स्थायी मूल्य है। ये सबक़ न केवल आपको प्रेरित करते हैं, बल्कि आपके भीतर छिपे लीडर को खोजने में मदद भी करते हैं।