About the Book
डा. श्रीराम हमारे चतुर्दिक व्याप्त प्रकृति की विविधतापूर्ण सर्जना के कुषल एवं उत्साही चितेरे हैं। वे प्रकृति को आनन्दपूर्ण जीवन का अनन्य स्त्रोत मानते हैं। प्रकृति में व्याप्त सरलता, पारदर्षिता, समन्वय एवं आनन्द के कारण जीवन के संतुलित, सुखमय एवं प्रेमासिक्त होने की पूर्ण संभावना विधमान है। उनकी पुस्तक ''जीवन-सौरभ उनके इन्हीं विचारों की अत्यंत सरल, सुबोध एवं समृद्ध भाषाषैली में, नवीनतम प्रेरणास्पद अभिव्यकित है।