Jungle ki Sair ( Hindi)

Jungle ki Sair ( Hindi)

Author : Suresh Patwa

In stock
Rs. 150.00
Classification Fiction/Novel
Pub Date
Imprint Manjul Publishing House
Page Extent 94
Binding Paperback
Language Hindi
ISBN 9789355432384
In stock
Rs. 150.00
(inclusive all taxes)
OR
About the Book

श्री सुरेश पटवा एक जाने-माने रचनाकर्मी हैं। एक लंबे समय से गंभीर विषयों पर उनका लेखन सतत चलता रहा है। मैंने उन्हें जब-जब पढ़ा है और सुना है उनकी विद्वत्ता शब्द-शब्द में अनुभव करता रहा। वह अच्छे लेखक होने के साथ श्रेष्ठ चिंतक, विचारक और वक्ता भी हैं। मनुष्य के यह सब गुण यदि लेखक के व्यक्तित्व में उतर आए तो स्वाभाविक रूप से लेखन उच्चकोटि का होता चला जाता है। पटवा जी ने अब तक जो कुछ लिखा वह अत्यंत गंभीर प्रकार का लेखन रहा।

वे राष्ट्रीय चेतना से ओतप्रोत और संस्कृति निष्ठ लेखक हैं। भारत की मिट्टी की गंध उनकी धमनियों में लहू बनकर दौड़ती है। यह सांस्कृतिक निष्ठा समय-समय पर अनेक ग्रंथों के प्रणयन का कारण बनी। इस बार उन्होंने बाल-साहित्य जगत को अपनी लेखनी का प्रसाद दिया है।

जंगल की सैर जैसे बाल उपन्यास बच्चों को जल, जंगल, जमीन और जानवर से जोड़ने का काम करेंगे। इनके बगैर पर्यावरण की कल्पना करना भी दूभर होगा। इस तरह के उपन्यास निश्चित तौर पर नई पौध को प्रकृति के निकट लाने का काम करेंगे।
-डॉ. विकास दवे
निदेशक, साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश शासन, भोपाल

जंगल की सैर (सतपुड़ा के मुन्ना बाघ की दास्तान) उपन्यास शैली में लिखी गई अद्भुत पुस्तक है। सभी बच्चों को जंगल, पहाड़, नदी, पक्षी, जीव-जंतु और जानवर देखना मोहक लगता है। श्री सुरेश पटवा ने सतपुड़ा भ्रमण करके सुरम्य सतपुड़ा पुस्तक भी लिखी है। उन्ही सतपुड़ा के जंगलों की सैर करके वे एक नए कथानक के साथ उपस्थित हो रहे हैं।

ऐसे विषय पर रोचक व जिज्ञासापूर्ण बच्चों की कल्पनाशीलता को पंख लगाती कृति बच्चों में लोकप्रिय होने की योग्यता रखती है। मेरा विश्वास है कि श्री पटवा की यह अभिनव कृति मन से पढ़ी जायेगी।
-महेश सक्सेना
अध्यक्ष, बाल साहित्य शोध केंद्र, भोपाल।

About the Author(s)

सुरेश चंद्र पटवा का जन्म 1952 में म. प्र. के होशंगाबाद जिले के सोहागपुर में हुआ। आपकी माता का नाम श्रीमती दमयंती बाई और पिता का नाम श्री शंकर लाल पटवा है। आपकी शिक्षा एम. कॉम. है।
आपकी लेखन विधाएं कहानी, उपन्यास, इतिहास, लघुकथा, कविता, ग़ज़ल, वांग्मय, आध्यात्मिक साहित्य और यात्रा वृतांत हैं परंतु केंद्रीय विधा इतिहास व वांग्मय है, जिसके लिए आप जाने जाते हैं। आपकी कुल 12 कृतियाँ प्रकाशित हैं जिन्हें विभिन्न संस्थाओं ने सम्मानित किया है।

o तुलसी साहित्य सम्मान-2020
o अखिल भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलन द्वारा प्रदत्त डॉ.पोथुकुची साम्बा शिवराम मेमोरियल एक्सेलेन्सी अवॉर्ड-2021
o सोहागपुर साहित्य समिति द्वारा साहित्य सृजक सम्मान-2021
o प्रभात साहित्य परिषद द्वारा शफ़ीक़ तनवीर सम्मान-2022
o भारतीय स्टेट बैंक, भोपाल वृत्त द्वारा उल्लेखनीय साहित्य सेवा सम्मान-2022
o सत्य की मशाल पत्रिका द्वारा व्यंग साहित्य सेवी सम्मान-2022
o शिव संकल्प साहित्य परिषद, नर्मदापुरम द्वारा साहित्य गौरव सम्मान-2022
o मध्य प्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, हिन्दी भवन द्वारा हज़ारी लाल जैन स्मृति वांग्मय पुरस्कार-2022

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