About the Book
इस पुस्तक में बुंदेली संस्कृति पर आधारित लोकगीतों के अलावा मानव जीवन को प्रेरित करने वाली तथा आध्यात्मिक कविताओं और लघु कहानियों का संग्रह किया गया है I
लेखक ने पाठकों के आत्मिक भाव से संवाद स्थापित करने और उसे पोषित करने का प्रयत्न किया है
समक्ष को देखने और समझने की एक दृष्टि है, प्रस्तुत पुस्तक के माध्यम से ब्रह्माण्ड में व्याप्त ऊर्जा, नियति और अनेकों रहस्यों को जानने और समझने में संतुलित जीवन की भूमिका पर प्रकाश डाला गया है I
About the Author(s)
मयंक 'मोहन' अरजरिया का जन्म मध्य प्रदेश के छतरपुर ज़िले के अंतर्गत पथरया नामक गाँव में हुआ I
इनकी प्रारंभिक शिक्षा छतरपुर के ही शासकीय विद्यालयों में हुई तथा उच्च शिक्षा हेतु भोपाल आना हुआ, जहाँ इन्होंने मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग शाखा से बी.टेक. की उपाधि प्राप्त की I तत्पश्चात राजीव गांधी प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल से पावर इलेक्ट्रॉनिक्स शाखा से एम.टेक. की डिग्री प्राप्त की I
शिक्षोपरांत इन्होंने दो वर्ष तक भोपाल के ही एक इंजीनियरिंग कॉलेज में अध्यापन कार्य किया I वर्त्तमान में मध्य प्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल में सहायक प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं I लेखन, संगीत, आध्यात्म और प्रेरणादायी साहित्य इनके प्रमुख शौक हैं