About the Book
डायल डी फॉर डॉन
सी बी आई के अभियानों के दिलचस्प किस्से
"एक अवश्य पढ़ी जाने वाली पुस्तक जिसमें टी20 की रफ़्तार है" - रवि शास्त्री
मार्च 1993 : एक के बाद एक बम-धमाकों से मुंबई दहल उठती है I बहुत कम लोग जानते हैं कि इन आतंकी हमलों के पीछे सक्रिय दाऊद अब्राहिम, अपनी 'बेगुनाही' को साबित करने की बेचैन कोशिश में सी बी आई को कई बार फोन करता है I
जनवरी 2002 : जिहादी गिरोहों के साथ मिला हुआ दुबई का एक कुख्यात अपराधी, आफताब अंसारी , ठीक उस वक़्त गिरफ्तार कर लिया जाता है जब वह एक फ़र्ज़ी पासपोर्ट पर पाकिस्तान भागने की कोशिश करता है I
ऐसे ही अनेक महत्वपूर्ण अभियानों के पीछे अदभुत प्रतिभा के धनी एक आई पी एस अधिकारी की बेहद पैनी गुप्तचरी रही है I अपने 37 वर्षों के कार्यकाल के दौरान नीरज कुमार ने इंटरपोल, एफ. बी. आई., न्यू स्कॉटलैंड यार्ड तथा ऐसी ही अनेक दूसरी एजेंसियों की मदद से कई आतंकवादी कोशिशों को नाक़ामयाब किया है और दुनिया भर में फैले खतरनाक संगठित आपराधिक गिरोहों को तबाह किया है I
कुमार अपने इन निहायत ही बेबाक संस्मरणों में अपने ग्यारह सबसे प्रमुख प्रकरणों के माध्यम से पाठक को सी बी आई के काम करने के तरीके की एक रोमांचक झलक पेश करते हैं, जिनमें गुजरात के बेक़ाबू डॉन अब्दुल लतीफ़ की गिरफ़्तारी, पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या में शामिल रहे खूंखार आतंकवादी जगतार सिंह तारा की गिरफ़्तारी, और दिल्ली के एक राजनेता का भेष धारण किए दाऊद के वफ़ादार रमेश शर्मा की धड़पकड़ जैसे प्रकरण शामिल हैं I
धमाकेदार ब्योरों और बेचैन कर देने वाले रहस्यों से भरपूर डायल डी फॉर डॉन हमारे वक़्त की कुछ बेहद रोमांचकारी अपराध कथाओं का बहुत करीबी नज़ारा पेश करती हैं I