About the Book
यह पुस्तक संयोगों का भित्तिचित्र है।
कुछ ऐसे प्रसंग जो उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मन्दिर में प्रशासक की पदस्थापना के दौरान लेखक ने घटित होते देखे, उन्हें पुस्तक के रूप में वे आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं। एक सामान्य दृष्टि से देखने पर हो सकता है आपको लगे कि ये तो सब संयोग थे, लेकिन उन्होंने इन घटनाओं को अपने सामने जिस तरह घटित होते देखा और महसूस किया है, उससे उन्हें लगा कि इन सब के पीछे कुछ विशिष्ट प्रेरणा थी। ये स्मृतियाँ वर्षों पुरानी हैं, पर जैसे समय के साथ-साथ उनके ज़हन में इनकी भी यात्रा चलती रही। ऐसी किंवदंती है कि उज्जैन में यदि किसी की एक बार पोस्टिंग हो तो वो दूसरी बार भी जाता है। लेखक के साथ भी ऐसा हुआ कि सालों बाद वे उज्जैन में पुनः उज्जैन के संभागायुक्त के रूप में पदस्थ हुए, और इस बार वो सारी पुरानी बातें ठहरे पानी की साफ़ तलहटी में जमे ख़ूबसूरत पत्थरों की मानिंद सामने आ गयीं। उन्हें लगा कि अब वक्त है इन्हें शब्दों में पिरोने का, और नतीजतन ये पुस्तक आपके सामने है।
About the Author(s)
आनन्द कुमार शर्मा मध्यप्रदेश के सतना जिले में जैतवारा में 15 जून, 1961 को जन्म तथा कटनी के मूल निवासी। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर से वाणिज्य विषय में स्नातकोत्तर व विधि स्नातक की उपाधि। राज्य प्रशासनिक सेवा में वर्ष 1986 में चयन, तदुपरांत राजनांदगांव, नरसिंहपुर, सीहोर, सागर, उज्जैन, नीमच, रतलाम, ग्वालियर, इंदौर आदि जिलों में अनुविभागीय अधिकारी/अपर कलेक्टर/कमिश्नर, नगर निगम/मुख्य कार्यपालन अधिकारी, विकास प्राधिकरण तथा उपायुक्त के रूप में पदस्थापनाएँ। वर्ष 1996 से 2000 तक उज्जैन के प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रशासक के पद पर पदस्थापना। भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नति उपरांत कलेक्टर, विदिशा व राजगढ़ तथा अपर सचिव, मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, अपर आयुक्त, राजस्व संभाग इंदौर, आयुक्त मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति कल्याण विभाग, संभागायुक्त सागर व संभागायुक्त उज्जैन, सचिव, मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश के रूप में पदस्थापनाएँ। अप्रैल, 2021 में सेवानिवृत्ति पश्चात वर्तमान में विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी, मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश शासन।
रचनाएं : यात्रा वृतांत व संस्मरण के आलेख विभिन्न समाचार-पत्रों में प्रकाशित। प्रकाशित कविता संग्रह “कभी ये सोचता हूँ मैं”।