Mayanagri Ka Samrat ( Hindi)

Mayanagri Ka Samrat ( Hindi)

Author : Chandrabhan Rahi

In stock
Rs. 499.00
Classification Fiction
Pub Date June 2022
Imprint Sarvatra (An Imprint of Manjul Publishing House)
Page Extent 442
Binding Paperback
Language Hindi
ISBN 9789355431837
In stock
Rs. 499.00
(inclusive all taxes)
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About the Book

“क्या प्राण डालने का अधिकार हमें प्राप्त होगा?” महाराज यम ने ब्रह्मदेव से पूछा। ब्रह्मदेव चिन्तित मुद्रा में अपने आसन पर आसीन थे। “प्राण हरण का कार्य दे कर ब्रह्मदेव ने मेरी प्रतिष्ठा को धूमिल कर दिया है। पितरस, हमको एहसास हो गया है कि हमें प्राण डालने का अधिकार नहीं मिल सकता। हम कभी भी देवगण की श्रेणी में नहीं आ सकते। हम अमर हैं, देव हैं, लेकिन कोई हमें देव की श्रेणी में नहीं रखता। अब हमें थोड़ी सी उम्मीद दानकन्या से है, लेकिन उससे भी सम्पर्क नहीं हो पा रहा है।”

“जब सम्पर्क नहीं हो पा रहा है तो आप कैसे कह सकते हैं कि दानकन्या अपने मकसद में सफल हो जाएगी?”

“क्योंकि हमने सम्राट की परछाई में उसको प्रवेश दिया था। कुछ भी हो, चाहे व्यक्ति जीवित हो या मृत, परछाई उसका साथ कभी नहीं छोड़ती । दानकन्या आज भी सम्राट के साथ है। सम्राट की सफलता दानकन्या की सफलता है। बस एक बार दानकन्या से सम्पर्क स्थापित हो जाए और पता चल जाए कि वास्तव में अब क्या स्थिति है। उसके अनुसार रणनीति बनाई जाए।”

“अब हमें क्या करना है?”

“माया को सम्राट की तलाश के लिये नगरी के निर्माण का दायित्व दिया है।
शीघ्र ही मायानगरी का सम्राट हमें प्राप्त होगा।”

About the Author(s)

मध्य प्रदेश हिन्दी साहित्य अकादमी, भोपाल से सम्मान प्राप्त चन्द्रभान ‘राही’ का जन्म उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में हुआ। भोपाल में एम.ए. हिन्दी साहित्य एवं एलएल.एम. प्राप्त कर साहित्य के क्षेत्र में तेरह कहानी संग्रह, छह उपन्यास एवं विविध विषयों पर कई पुस्तकों का लेखन किया है। वर्तमान में भोपाल में निवासरत।

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