About the Book
आज पामिस्ट्री अपने नए अवतार में है। इसमें पहले की अपेक्षा कई नई बातें जुड़ गई हैं। यह अंग लक्षण के अंतर्गत तो आती ही है, इसमें फ़िंगरप्रिंट का जुड़ना एक नई क्रांति लाया है। हाथ के आकार-प्रकार, रेखाओं और फिंगरप्रिंट का विश्लेषण व अध्ययन कर हम चरित्र, मूल प्रवृत्ति, जन्मजात गुण, प्रतिभा, क्षमता, आदत तथा स्वभाव की कमियों के बारे में जान सकते हैं। हमारा यह दृढ़ विश्वास है कि व्यक्ति का नेचर ही उसका फ़्यूचर निर्धारित कर देता है।
आप क्रिएटिव हैं या इंटेलेक्चुअल हैं, आप इमोशनल हैं या सेल्फिश हैं,यह सब हम पामिस्ट्री से जान सकते हैं। कोई व्यक्ति कितना अच्छा प्रेमी है या कितना विश्वास के योग्य है, यह भी आप पामिस्ट्री से जान सकते हैं।आज व्यक्ति मनोवैज्ञानिक समस्याओं के लिए बड़े-बड़े काउंसलर,मनोविज्ञानी, लाइफ़ कोच के पास जाता है। जबकि पामिस्ट्री को सिलसिलेवार तरीके से सीखने से हम काफी हद तक इन समस्याओं का निराकरण कर सकते हैं तथा दूसरों की समस्या सुलझाने में मदद भी कर सकते हैं।