About the Book
‘रूह से रब तक’ दिल से लिखी हुई कुछ कविताएँ हैं जो आपको सोचने पे मजबूर कर देती हैं या आपको ख़ुद से मिला देती हैं।
कुछ सवाल जिनका जवाब ढूँढना मुश्किल है, उनसे रूबरू कराती हैं
या फिर उसी पुरानी बेहाल ज़िंदगी का हाल एक नए अंदाज़ में सुनाती हैं।
कभी कहानी तो कभी सच बताती हैं और कभी खयालों की कश्मकश में डूबती तो कभी रास्ता दिखाती हैं।
यह संकलन आपको गीतों के अंश यानि कविताओं के रूप में स्वयं में छुपी रूह या
फिर उस ख़ुदा से मिलाता है, जो अक्सर इस दिन-रात के सफ़र में कभी सो तो कभी खो से जाते हैं।
ख़ुद को पाने का एक बहाना और कुछ बीते पलों का
ज़माना याद दिलाता है।
ये हाल आपको पढ़ते हुए बेहाल कर छोड़ेगा।
About the Author(s)
गीतिका का जन्म लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ। भारत के इस काव्यात्मक शहर में रहने के पश्चात, मध्यप्रदेश के रीवा केन्द्रीय विद्यालय से उन्होंने उच्च माध्यमिक शिक्षा प्राप्त की। दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर कर वह कई देशों की यात्रा करने के बाद अब दिल्ली में रहती हैं। लिखने के अलावा, उन्हें खाना व संगीत अत्यधिक पसंद है।
गीतिका की पहली पुस्तक ‘नॉट जस्ट अ प्रिटी फ़ेस’ एक स्वप्रेरणात्मक सफ़र की कहानी है जिसमें आज के समय की एक लड़की अपनी भूमिका ढूँढने की कोशिश करती है। उनकी दूसरी किताब ‘एट ऑफ़ अस’ ऐसे किरदारों और उनकी कहानियों का सम्मिश्रण है जो आपकी दिनचर्या में कहीं न कहीं अपनी जगह ढूँढ लेंगे। उनकी शायरी व कविताएँ इस पुस्तक के माध्यम से प्रस्तुत की जा रही हैं। वे अँग्रेजी में कविताएँ व उद्धरण भी लिखती हैं। रचनात्मक होने के कारण ज़िंदगी के उतार-चढ़ाव को उन्होंने अपनी कविताओं व कहानियों में ढाल लिया है।