About the Book
क्या परिवार में कैंसर रोग का आना ऐसा तूफ़ान ले आता है जैसे आपके भीतर कोई विशाल मंथन हो रहा हो ! सब कुछ उभर कर सतह पर चला आता है I एक कवि के रूप में तो में अक्सर ही कलम से कागज़ पर अपने सुख-दुख उतरता रहा हूँ, जहाँ मैंने अपने सुख हज़ार गुना बड़े कर लिए और दुख बिल्कुल बौने I लेखन आपकी झिझक को मिटा देता है और आप अपना मन दुनिया से साझा कर सकते हैं - जैसे मैं अभी कर रहा हूँ I
मैं पूरी दुनिया के रोगियों और उनके परिजनों के मन मैं उतर सकता तो कितना अच्छा होता I जब कोई यह क़िताब पढ़ेगा तब शायद मैं अपने ही लिखे शब्दों द्वारा उन तक पहुँच सकूँगा I तब क्या मैं उन्हें बता पाने में सफल हो पाउँगा कि समुद्र की तरह अथाह इस जीवन में अकल्पनीय घटनाएँ समय हुई हैं, एक अनंत संपदा! अगर तूफ़ान और ज्वार हैं तो स्थिरता और विस्तार भी है I कई मनयनों में हमारा जीवन भी समुद्र की तरह है I मेरी नानी अक्सर कहा करती थीं - यह दिन भी चला जायेगा I और सच में, हर दिन गुज़र जाता है I