About the Book
ज़ाकिर हुसैन
एक संगीतमय जीवन
नसरीन मुन्नी कबीर के साथ संवाद
उत्कृष्ट तबला वादक, संगीतकार और तालवाद्य के जानकार ज़ाकिर हुसैन एक अंतरराष्ट्रीय संगीत हस्ती बन चुके हैं। मशहूर उस्ताद अल्लारखा के सबसे बड़े बेटे ज़ाकिर ने सात वर्ष की उम्र में अपना पहला सार्वजनिक कार्यक्रम पेश किया था और वे जल्दी ही एक बाल-प्रतिभा के रूप में सराहे जाने लगे। बाद के वर्षों में उनकी निपुणता और रचनात्मकता के कारण उन्हीं सर्वाधिक कहते संगीतकारों से लेकर हिंदुस्तानी क्लासिकल संगीतकारों और नृत्यकारों की सर्वश्रेष्ठ श्रेणी में शुमार किया जाने लगा। ज़ाकिर हुसैन को सर्वश्रेष्ठ समसामयिक जैज़ और विश्व-संगीत के तलवादक के रूप में पहचान मिली है। उन्होंने दुनिया के विशाल मंचों पर एकल और विख्यात जैज़ संगीतकारों के साथ रॉयल अल्बर्ट से मैडिसन स्क्वेयर गार्डन तक कई कॉन्सर्टस किए हैं। जॉन मेक्लॉगलिन, एल शंकर और टी एच विनायक्रम के साथ ज़ाकिर हुसैन ने शक्ति बैंड गठित करके संगीत जगत में इतिहास रच दिया। उन्होंने जेम्स आइवरी की फिल्म 'हीट ऐंड डस्ट' और सई परांजपे की साज़ में अभिनय किया है, तथा बेरनार्दो बेरतोलुची (लिटिल बुद्धा), अर्पणा सेन (मिस्टर एंड मिसेस अय्यर) और इस्माइल मर्चेन्ट (इन कस्टडी, द मिस्टिक मैसर) जैसे निर्देशकों के लिए संगीत तैयार किया है। उन्होंने 1960 के दशक में अनेक हिंदी फिल्मों के लिए तबला वादन भी किया है।
ज़ाकिर हुसैन के साथ विस्तार से की गई बातचीत के तहत नसरीन मुन्नी कबीर ने पाठकों को उनके जीवन की कहानी के साथ-साथ मुंबई में उनकी परवरिश के प्रारंभिक वर्ष, उन्होंने एक 'बदक़िस्मत' बच्चा माने जाने, अपने महान पिता के साथ चार वर्ष की उम्र से प्रशिक्षण पाने, और पंडित रविशंकर, उस्ताद अली अकबर खान तथा उस्ताद विलायत खान जैसे कई विख्यात संगीतकारों के साथ काम के दौरान हुए उनके अनुभवों और स्मृतियों के बारे में बताया है। किस्सागोई के उस्ताद ज़ाकिर, हास्य-विनोद और विनम्रता के साथ अपनी संगीत की समझ, अपने शिष्यों के साथ सम्बंधों, टेबल के प्रति अपने प्यार व् समर्पण, और अमेरिका व भारत में रहने के अपने अनुभवों को साझा कर रहे हैं।
यह पुस्तक एक बड़े संगीत सितारे, आदर्श रोल मॉडल और एक स्वप्नद्रष्टा संगीतकार के जीवन का शानदार परिचय देती है।