About the Book
डॉ. बशीर बद्र के शेरों में जज़्बे और एहसास की जो घुलावट मिलती है वो उन्हें दूसरे शायरों से न सिर्फ़ अलग करती है - बल्कि उनमें ग़ज़ल की आम लफ़ज़ियात से शऊरी गुरेज़ और इर्द गिर्द के माहौल से उनकी ज़ेहनी कुर्बत उन तब्दीलियों का इशारा बनती है जो बाद में ज़्यादा सफ़ाई और चतुराई के साथ उनकी ग़ज़ल की शिनाख़्त मानी जाती है . बशीर बद्र की आवाज़ दूर से पहचानी जाती है .
About the Author(s)
डॉ॰ बशीर बद्र को उर्दू का वह शायर माना जाता है जिसने कामयाबी की बुलन्दियों को फ़तह कर बहुत लम्बी दूरी तक लोगों की दिलों की धड़कनों को अपनी शायरी में उतारा है। साहित्य और नाटक अकादमी में किए गये योगदानो के लिए उन्हें 1999 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
डॉ॰ बशीर बद्र दुनिया के दो दर्जन से ज़्यादा मुल्कों में मुशायरों में शिरकत कर चुके हैं। बशीर बद्र आम आदमी के शायर हैं। ज़िंदगी की आम बातों को बेहद ख़ूबसूरती और सलीके से अपनी ग़ज़लों में कह जाना बशीर बद्र साहब की ख़ासियत है। उन्होंने उर्दू ग़ज़ल को एक नया लहज़ा दिया। यही वजह है कि उन्होंने श्रोताओं और पाठकों के दिलों में अपनी ख़ास जगह बनाई है।